100 साल पहले चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति दिल्ली आई,

  • गोपाष्टमी के अवसर पर 11 नवम्बर को अन्नपूर्णा देवी मूर्ति केन्द्र सरकार से लेने के बाद एक शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। जो गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़ और हाथरस होते हुए कासगंज के सूकर क्षेत्र यानी सोरों तीर्थ स्थल पहुंचेगी। इसके बाद 12 नवम्बर को शोभायात्रा सोरों से प्रारम्भ होकर यह एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर नगर में माँ तपेश्वरी देवी मन्दिर, पटकापुर पहुंचेगी। यहां इस मूर्ति को रखा जाएगा।
    इसके बाद शोभा यात्रा 13 नवम्बर को कानपुर नगर से चल करके उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी होते हुए माँ अन्नपूर्णा की यह मूर्ति अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि पहुंचेगी। 14 नवम्बर को अयोध्या, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर होते हुए मूर्ति को लेकर शोभा यात्रा चौथे दिन अपराह्न वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर में पहुंचेगी।
    सीएम योगी ने बताया कि 11 नवंबर को दिल्ली में भारत सरकार इस मूर्ति को उत्तर प्रदेश को सौंपेगी. यहां से शोभा यात्रा के जरिए मूर्ति काशी लाई जाएगी. . इस पूरी यात्रा में अलग अलग जिलों के प्रभारी मंत्री मूर्ति की अगवानी करेंगे. 15 नवंबर को प्राचीन प्रतिमा काशी में स्थापित की जाएगी.
    माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति एवं शोभा यात्रा की अलग-अलग जिलों में वहां के प्रभारी मंत्री आगवानी करेंगे। 15 नवम्बर को देवोत्थान एकादशी के अवसर पर काशी में बाबा विश्वनाथ धाम में माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होगी।
    इस कार्य की जिम्मेदारी राज्य सरकार के मंत्री सुरेश राणा एवं पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ नीलकंठ तिवारी को सौंपी गयी है। जिनके नेतृत्व में चार दिवसीय भव्य शोभा यात्रा के माध्यम से काशी ले जायी जाएगी।

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