Second Animal Husbandry Startup Grand Challenge: सरकार की इस योजना के अंतर्गत डेयरी क्षेत्र में काम कर रहे पशुपालकों और कारोबारियों को ‘पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज’में आवेदन करने मौका दे रही है।
ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा भी पशुपालकों को हर स्तर पर सहायता देने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में पशुपालन और डेयरी विभाग ने डेयरी के क्षेत्र में नए-नए इनोवेशन लाने के लिए ‘पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज’ को लॉन्च किया था। जी दरअसल मंत्रालय के अनुसार, इसका उद्देश्य पशुपालन और डेयरी सेक्टर से जुड़ी 6 मुख्य समस्याओं को हल करने और उसके लिए इनोवेटिव आइडिया तलाशना है। आप सभी को बता दें कि सरकार की इस योजना के अंतर्गत डेयरी क्षेत्र में काम कर रहे पशुपालकों और कारोबारियों को ‘पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज’ में आवेदन करने मौका दे रही है।
वहीं आवेदक इस चैलेंज के तहत डेयरी विभाग को पशुपालन के क्षेत्र में नए-नए इनोवेटिव आइडिया देकर विजेता के तौर पर 10 लाख रुपये जीत सकते हैं। जी हाँ और इच्छुक अभ्यर्थी पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के दूसरे संस्करण के लिए विभाग की वेबसाइट पर जाकर 15 जनवरी 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। आप सभी को बता दें कि सरकार ने इस चैलेंज के पहले संस्करण को सितंबर साल 2019 में लॉन्च किया था। वहीं सरकार इस अभियान की मदद से आधुनिक तकनीकों पर काम कर रहे युवा कारोबारियों को पशुपालन क्षेत्र में आने के लिये प्रोत्साहित करना चाहती है।
दूसरी तरफ डेयरी मंत्रालय के मुताबिक वह इस स्टार्टअप चैलेंज के माध्यम से पशुओं की संख्या बढ़ाने, पहचान के लिये आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने, दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करने कोल्ड स्टोरेज आदि तैयार करने और गुणवत्ता सुधारने जैसी चुनौतियों पर बेहद सक्रियता से काम कर रहे हैं। आप सभी को बता दें कि पशुपालन और डेयरी विभाग की वेबसाइट में यह बताया गया है कि इस प्रतियोगिता में 6 चैलेंज रखे गए हैं। हर एक चैंलेंज के विजेता को 10 लाख रुपये और उपविजेता को 7 लाख रुपये दिए जाएंगे। वहीं मंत्रालय इसके साथ विजेताओं को तीन महीने की ट्रेनिंग और 9 महीने तक उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखा जाएगा औऱ हरसंभव मदद का प्रयास किया जाएगा।
इन चैलेंज के लिए अभ्यर्थी कर सकते हैं आवेदन-
सीमन डोज के भंडारण और आपूर्ति के लिए लागत प्रभावी, दीर्घकालिक और उपयोगकर्ता के अनुकूल विकल्प।
पशुओं की पहचान (आरएफआईडी) और उनका पता लगाने की लागत प्रभावी तकनीक का विकास।
हीट डिटेक्शन किट का विकास।
डेयरी पशुओं के लिए प्रेग्नेन्सी डाइग्नोसिस किट का विकास।
ग्राम संग्रहण केन्द्र से डेयरी संयंत्र तक मौजूद दुग्ध आपूर्ति श्रृखंला में सुधार।
कम लागत वाली कूलिंग और दुग्ध परिरक्षण प्रणाली और डेटा लॉगर का विकास।
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