गुजरात एटीएस ने मौलाना कमर गनी उस्मानी को हिरासत में लिया किशन भारवाड़ हत्या

गुजरात में कोर्ट से पूछताछ के लिए एटीएस मौलाना को 10 दिन की हिरासत की मांग करेगा। मामले में अब तक छह लोगों गिरफ्तार किया जा चुका है।
एटीएस ने मौलाना कमर गनी उस्मानी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। एटीएस गुजरात के एसपी इम्तियाज शेख ने रविवार को इसकी जानकारी दी। गिरफ्तारी के बाद मौलाना को दिल्ली की एक कोर्ट के सामने में पेश किया गया। यहां से मौलाना को ट्रांजिट रिमांड पर भेजने का आदेश जारी कर दिया गया। अब उसे गुजरात की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
किशन बोलिया (भारवाड़) की हत्या के मामले में गुजरात पुलिस और गुजरात ATS को अहम कामयाबी मिलती है। गुजरात ATS ने मौलाना कमर गनी उस्मानी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उस्मानी पर किशन के हत्यारे शब्बीर को उकसाने का आरोप है। वहीं, गुजरात पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार को बरामद कर लिया है।
गुजरात की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने धंधुका में सर मुबारक बुखारी दादा दरगाह के पीछे एक जगह से किशन भारवाड़ की हत्या में इस्तेमाल की गई एक पिस्तौल और बाइक बरामद की है। इस मामले की जाँच कर रही पुलिस टीम आरोपित शब्बीर और इम्तियाज को लेकर सर मुबारक के पीछे पहुँची थीं, जहाँ से हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक और पिस्तौल बरामद की गई है। दोनों आरोपितों ने 25 जनवरी 2022 को किशन भरवाड़ को मारने के लिए पहले उसका बाइक से पीछा किया था और फिर धंधुका शहर के मोढवाडा-सुंदकुवा इलाके में शब्बीर ने उस (किशन) पर राउंड फायरिंग करके उसकी हत्या कर दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने एक अन्य आरोपित अजीम बचा समा के भाई वसीम समा को भी पूछताछ के लिए मोरबी से गिरफ्तार किया है। अजीम ने अहमदाबाद के मौलवी को हथियार दिए थे और इस मौलवी ने आरोपितों को हथियार मुहैया कराए थे। पुलिस मुख्य आरोपितों के खिलाफ GUCTOC और UAPA के कड़े कानून के तहत मामला दर्ज की है। किशन बोलिया की हत्या के मामले में दो मौलवियों की भूमिका भी सामने आई है, जबकि कई संदेह के दायरे में हैं। इनमें से एक अहमदाबाद का है और दूसरा मुंबई का है। अहमदाबाद के जमालपुर इलाके का मौलवी अय्यूब इन हत्यारों को हथियार मुहैया कराता था। वहीं, मुंबई के मौलवी ने उन्हें किशन की हत्या करने का आदेश दिया था मालूम हो कि गुजरात सरकार ने शनिवार (29 जनवरी 2022) को किशन बोलिया (भरवाड़) की हत्या की जाँच आतंकवाद विरोधी (ATS) दस्ते को सौंप दी है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने ट्वीट कर बताया, “धंधुका की हिंसक घटना का मामला एटीएस को सौंप दिया गया है। गुजरात पुलिस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बता दें कि किशन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट अपलोड किया था, जिसके बाद से वह इस्लामी कट्टरपंथी के निशाने पर था। बताया गया था कि किशन ने जो वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, वो मुस्लिमों के पैगंबर मुहम्मद से संबंधित था। किशन की पोस्ट पर कई लोगों ने आपत्ति भी जताई थी। पुलिस ने भी किशन के खिलाफ एक्शन लिया था। पोस्ट के बाद से ही किशन को जान से मारने की धमकियाँ मिल रही थीं। इस घटना के बाद से किशन अपने घर से नहीं निकल रहा था। मंगलवार को अचानक ही वो अपनी बाइक से निकला था, लेकिन कुछ ही दूरी पर उसकी हत्या कर दी गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि किशन पर गोली चलाने वाले बाइक सवार उसके पीछे चल रहे थे, जैसे ही वो मोढवाड़ा मोड़ के पास पहुँचे तो किशन पर पहली गोली चलाई गई, लेकिन वह बच गया। इसके बाद उस पर दोबारा हमला किया गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद से हिन्दू संगठन बेहद आक्रोशित हैं। उन्होंने बीते दिनों धंधुका में बंद का ऐलान किया था। विश्व हिन्दू परिषद् (VHP) के इस आह्वान को स्थानीय लोगों और अन्य हिन्दू संगठनों का पूरा समर्थन मिला।
अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने जब इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके इनकी पूछताछ शुरू की तो जो तथ्य सामने आए वह काफी हैरान कर देने वाले रहे. शब्बीर और इम्तियाज ने पुलिस को बताया कि वह अहमदाबाद के जमालपुर एरिया के एक मौलाना जरवला मोहम्मद अयूब से हत्या के लिए पिस्तौल और 5 राउंड लेकर आए थे. अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह दोनों युवक ज़रवाला मोहम्मद अयूब के संपर्क में कैसे आए और ज़रवाला मोहम्मद अयूब ने उन्हें हथियार क्यों दिए?

विवादित पोस्ट से थे नाराज़;
आपको बता दें कि किशन भरवाड़ ने 8 जनवरी को सोशल मीडिया में एक विवादित वीडियो पोस्ट किया था जिसके बाद विवाद होने पर उसने तुरंत उस वीडियो को हटा भी लिया था. साथ ही माफी मांगी थी. 9 जनवरी को शब्बीर और इम्तियाज ने उसके खिलाफ धंधुका पुलिस थाने में फरियाद भी की थी. जिसके बाद करीब 20 जनवरी को शब्बीर अहमदाबाद आकर जमालपुर में मौलाना ज़रवाला मोहम्मद अयूब से मिला और उसने ज़रवाला मोहम्मद अयूब से एक पिस्तौल और पांच राउंड गोलियां ली जिसके बाद वो इम्तियाज के साथ मिलकर करीब 5 दिन तक किशन भरवाड़ को ट्रैक करता रहा और 25 जनवरी को उसने किशन भरवाड़ पर गोली चला दी जिसके बाद उसकी मौत हो गई. फिलहाल पुलिस ने शब्बीर और इम्तियाज के साथ-साथ जमालपुर से ज़रवाला मोहम्मद अयूब नाम के इस मौलाना को भी गिरफ्तार कर लिया है.

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