कर्नाटक बुर्का विवाद मामले पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया चैनल न्यूज 18 से बात करते हुए अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिन लोगों को शैक्षिक संस्थानों में यूनिफॉर्म पहन कर आना पसंद नहीं है वो बाहर जा सकते हैं। उनके मुताबिक स्कूल और कॉलेज में अनुशासन बेहद जरूरी हैं।
उन्होंने कहा, “अगर किसी को यूनिफॉर्म पसंद नहीं है तो उसे संस्थान छोड़ देना चाहिए, अनुशासन का पालन करना चाहिए और अनुशासन को तोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अनुशासन संस्थानों की नींव है। अनुशासन के बगैर तो जिंदगी नहीं चल सकती। जब आपकी शिक्षा पूरी हो जाए और जब आप बाहर निकल जाएँ तब आपकी मर्जी है कि आप जो भी ड्रेस पहनना चाहें पहने।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि छात्रों को ड्रेस कोड के बारे में जानकारी थी। इसके बाद भी जानबूझकर शिक्षण संस्थानों में उन्होंने प्रवेश लिया था। अचानक इसके खिलाफ विद्रोह नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा, “छात्रों को कुछ राजनीतिक, गुप्त उद्देश्यों को हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
सभ्यता और संस्कृत जरूरी
आरिफ मोहम्मद खान ने आगे कहा, “मेरा ये मानना है कि कौन क्या पहनता है ये कभी भी विवाद का विषय नहीं होना चाहिए। यह हर व्यक्ति का अपना अधिकार है। शर्त सिर्फ इतनी है कि शालीनता होनी चाहिए, सभ्यता होनी चाहिए, संस्कृति होनी चाहिए। जो आर्मी में है वो ये नहीं कह सकता कि मैं जो चाहूँगा वह पहन लूँगा पुलिसवाला यह नहीं कह सकता कि जो मैं चाहूँगा वह पहन लूँगा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि कई चीजें जबरन धर्म से जोड़ी गई हैं। तीन तलाक को भी धर्म से जोड़ा गया। इसके साथ ही उन्होंने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि हिजाब शब्द का इस्तेमाल पर्दे के लिए किया गया है, पहनावे के लिए नहीं। पहनावे के लिए स्कार्फ होता है। हिजाब का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। यह किसी धर्म की पहचान नहीं है। यब बातें वीडियो में 5:40 से 7:24 मिनट के बीच सुनी जा सकती हैं।
आरिफ खान ने कहा कि पिछली सरकारें नियम, अनुशासन तोड़ने वाले लोगों के सामने झुकती थीं। लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ये कुछ वक्त चलने दीजिए। आदतें बदलने में थोड़ा वक्त लगता है। इसी सरकार ने घुटने टेकने बंद किए हैं। थोड़ा सा वक्त लगेगा, फिर लोगों में हिम्मत आ जाएगी। इसे आप वीडियो में 22:12 से 22:36 मिनट के बीच सुन सकते हैं।
आगे वह कहते हैं, ये लोग उन बातों पर लड़ेंगे, जिनका कुरान में कोई जिक्र नहीं है। उदाहरण के लिए- तीन तलाक। जो असल गुनाह है- जो बताया गया है, उसे छोड़ कर अपनी ख्वाहिशों को पूरा करना। ये वो लोग हैं जो मानते सब कुछ हैं लेकिन कहते हैं कि हम इनके मुताबिक आचरण नहीं करेंगे। हम तो अपनी मर्जी करेंगे।
आरिफ खान ने कहा, “मैं आपको एक मिसाल देता हूँ। एक बच्ची है। पैगंबर साहब की पत्नी की सगी भांजी के औलाद नहीं है। हजरत आयशा के औलाद नहीं है। लिहाजा वह अपने सगे भाई की बेटी को एक तरह से गोद ले लेती है और खुद पालती है सारी जिंदगी। वह बच्ची बहुुत खूबसूरत होती है। उसकी शादी गवर्नर से होती है। उसका शौहर उससे कहता है कि तुम अपना चेहरा ढँको, पर्दा करो। वह अपने शौहर को जवाब देती है- “पर्दा और मैं? खुदा ने मुझे खूबसूरत बनाया है। मैं चाहती हूँ कि लोग मुझे देखें और मेरी खूबसूरती में अल्लाह की शान का एहसास करें और अल्लाह का शुक्र अदा करें।” उन्होंने प्रदर्शन करने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग शायद उनसे ज्यादा इस्लाम जानते हैं। यह बातें 25:00 से 27:32 के बीच सुन सकते हैं।
#ArifMohammedKhanToNews18
धर्म गुरुओं को सब पता है, आप क़ानून बना दीजिए पर आदतें बड़ी मुश्किल से बदलती हैं: आरिफ़ मोहम्मद ख़ान #SuperExclusive #HijabRow @KishoreAjwani @KeralaGovernor pic.twitter.com/PQhFVmJ0nV— News18 India (@News18India) February 11, 2022
जब एंकर ने उनसे पूछा कि क्या ये बातें मुस्लिम धर्मगुरुओं (मौलानाओं) को मालूम नहीं है या फिर वो बताना नहीं चाहते हैं, या फिर समझना नहीं चाहते। इस पर उन्होंने कहा, “उनको सब कुछ पता है। कुरान में दो आयतें हैं- वो बच्ची जिसे जिंदा दफन कर दिया गया था, सिर्फ लड़की होने की वजह से। कोई आज पूछेगा कि उसका जुर्म क्या था। पैगंबर साहब ने उसके बारे में बहुत सख्त रवैया अपनाया। वो रूक गया। लेकिन आप कानून बना लीजिए, आदतें बड़ी मुश्किल से बदलती हैं। अगर उसको जिंदा गाड़ना बंद हो गया तो उसको कपड़े में गाड़ना शुरू हो गया। उन्होंने तीन तलाक करके उनको दबाना शुरू कर दिया। पहले जमीन में दफनाते थे, अब उसे घर की चारदीवारी में बंद कर दो। घर के बाहर निकले तो उसे ऐसे कर दो कि पता ही न चले कि कौन है और शादी हो जाए तो उसे तीन तलाक के नाम से ऐसे डरा कर रखो कि वह आजाद इंसान के हैसियत से जिंदा न रह सके।” वीडियो में यह बातें आप 27: 37 से 29:17 के बीच सुन सकते हैं।
बुर्का विवाद पर कर्नाटक HC के खिलाफ दायर याचिका को SC ने किया खारिज
बता दें कि एक दिन पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्कूल- कॉलेज में धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगाई थी और स्कूल कॉलेज को खोलने का आदेश दिया था। वहीं इसके खिलाफ यूथ कॉन्ग्रेस प्रेसिडेंट श्रीनिवास बीवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और तत्काल सुनवाई की बात कही थी।
इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय बनाने की जरूरत नहीं है। बता दें कि श्रीनिवास की याचिका पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा उचित समय पर इस मामले पर सुनवाई होगी।
मुस्लिम धर्म में बुर्क़ा की पद्धति है परन्तु बुर्क़ा की पद्धति स्कूल में नहीं होनी चाहिए। बाज़ार में महिलाएं बुर्क़ा पहन सकती हैं परन्तु स्कूल में ऐसा नहीं होना चाहिए: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले
#KarnatakaHijabControversy pic.twitter.com/QT6kEYzOLI— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2022
सभी इस्लामिक देश कह रहे हैं कि हिज़ाब ज़रुरी नहीं है। राहुल और प्रियंका गांधी कह रहे हैं कि हिज़ाब पहनों। लेकिन उनका एक भी वक्तव्य नहीं मिलेगा जहां पर वे बोल रहे हों कि आप लोग इंजीनियरिंग, मेडिकल पढ़ो। आप विश्वविद्यालय में जाओ: देहरादून में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा pic.twitter.com/bZYS4CNvpq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2022
नोट: भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव तक। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, लेकिन ये बुर्का के लिए हो रहा है।
शहज़ाद ने एक वीडियो डाला जिसमे लिखा दो भारत
Yes, I agree…
There are 2 Indias…
One “lobby” that outrages over Hijab & gives it non-stop coverage, hails “Sherni” with a reward
&
There is a Bharat that asks why you maintain a “secular silence” over Rupesh Pandey, Kishan Bharwad , Lavanya & Hiralal
Watch pic.twitter.com/NnDcKd0F7N
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) February 11, 2022
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