सुल्तानपुर लंभुआ के बाबा जनवरी नाथ धाम में भक्तों की उमड़ी भीड़ दर्शन के लिए आए श्रद्धालु धोपाप प्रसिद्ध धार्मिक स्थल आज भी कायाकल्प का इंतजार है जानत को

उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर लम्भुआ: जनपद के लम्भुआ विकास खंड मे धोपाप के नाम से भी प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है । प्रतिवर्ष रामनवमी एवं ज्येष्ट शुक्ल दसमी को असंख्य धर्मपरायण लोग यहा स्नान करते है । लोगो का मानना है यहा स्नान करने से मुक्ति मिलती है ।धोपाप मंदिर तहसील लम्भुआ में स्थित है। यह जगह सुलतानपुर-जौनपुर रोड (एनएच -56) पर सुलतानपुर शहर से लगभग 22 किमी दक्षिण पूर्व और अयोध्या से 85 किमी दूर हैं. लोहरामऊ मंदिर से 8 किमी दूर गोमती नदी के दाहिने किनारे पर कादीपुर में स्थित है.विष्णु पुराण के अनुसार, गोमती को इस मार्ग में धुतोपपा के रूप में जाना जाता था, जो पूर्व से धोपाप तक पहुंचता है और इस जगह के पास एक लूप बनाने के बाद दक्षिण पूर्व में तेज मोड़ लेता है। धोपाप घाट के नाम से जाना जाने वाला घाट बनाया गया है, जहां लोग नदी में अपने पापों को धोने में राम के उदाहरण का पालन करते हैं।
यह है कि भगवान राम ने ब्राह्मण जाति के राक्षस राजा रावण की हत्या के पाप के लिए यहां प्रश्चित किया,महर्षि वशिष्ठ की सलाह पर नदी में डुबकी लेकर जब श्री लंका से लौट रहे थे।लोग मानते हैं कि जो दशहरा के दिन इस जगह पर जाते हैं, वे अपने पापों को गोमती नदी में धो सकते हैं। यहां भगवान राम का एक बड़ा मंदिर है, जहां बड़ी संख्या में भक्तजन आते हैं।ज्येष्ठ स्नान मेला ज्येष्ठ महीने के 10 वें दिन, गंगा दशहरा और चैत्र रामनवमी पर आयोजित की जाती है। घाट में एक राम मंदिर स्थित है जो सूर्योदय-सूर्यास्त से खुलता है।
यह के एक गाँव मे गोसाई का पूरा में छठा पूजा का भी आयोजन होता हैं जो सूर्योदय औऱ सूर्यास्त की पूजा होती हैं


लम्भुआ से 2 किलो मीटर दूर सैतापुर सराय गांव में घने जंगल के बीच स्थापित बाबा जनवारीनाथ धाम मंदिर कस्बे और आसपास के गांवों से नियमित जलाभिषेक के लिए भक्त प्रत्येक सोमवार और शनिवार को यहां पहुंचते हैं।
लंभुआ तहसील क्षेत्र में स्थापित जनवारीनाथ धाम में हमेशा से सावन के मौके पर भक्तों की भीड़ जुटी रहती है । मान्यता है कि यहां पर आने वाले लोगों की सभी मन्नतें पूरी होती हैं।
भोलेनाथ के विग्रह के ऊपर पीपल के विशालकाय वृक्ष की छाया हमेशा बनी रहती है।’
हार वर्षों की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा जनवारी नाथ धाम लंभुआ में प्रसाद वितरण का भव्य आयोजन किया गया।
स्टेशन लम्भुआ रेलवे जंक्शन नाम से है जो उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों और सुलतानपुर,लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, जयपुर और भोपाल जैसे अन्य राज्यों से जुड़ा हुआ है।
सुल्तानपुर में वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर लंभुआ तहसील आती है।
इसी को 190 विधानसभा सीट लंभुआ के नाम से जाना जाता है।
27 विधानसभा का चुनाव शांति पूर्वक समाप्त हुआ
इस बार यहां से बीजेपी ने सीताराम वर्मा, सपा ने संतोष पांडेय, बसपा ने अवनीश सिंह और कांग्रेस ने विनय विक्रम सिंह को प्रत्याशी बनाया है. लंभुआ विधानसभा सीट पर दलि‍त और ब्राह्मण मतदाता न‍िर्णायक माने जाते आ रहे है।
2009 के परिसीमन से पूर्व इसका नाम चांदा विधानसभा सीट हुआ करती थी। जो अब लम्भुआ विधानसभा हैं।

इस विधानसभा क्षेत्र का महत्व इसलिए भी अहम है, क्योंकि अयोध्या से नजदीक होने के साथ पौराणिक स्थल में धाम यहां स्थित हैं। बताया जाता है कि इस धाम पर भगवान श्रीराम ने आकर पूजा की थी और रावण की हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए गोमती नदी में स्नान कर अपने धनुष-बाण को धोया था।
मुगल शासकों के भी पहुंचने के हैं प्रमाण धोपाप में मुगल काल के भी निर्माण के अवशेष अब भी मौजूद हैं। कहा जाता है कि गोमती नदी के तट पर मौजूद श्री राम जानकी मंदिर के चारों तरफ किले का निर्माण मुगल शासक शेर शाह सूरी ने कराया था। मंदिर को नुकसान पहुंचाए बिना किले के निर्माण में प्रयुक्त ईंटें और सामग्री शेर शाह सूरी के समय की पुष्टि करती हैं। धोपाप का पुरातात्विक महत्व है। सदियों से यह स्थान महत्वपूर्ण रहा। इसके बावजूद धोपाप के विकास के प्रयास नाकाफी रहे। कई धार्मिक व पौराणिक महत्व वाली पुस्तकों में इस तीर्थ का जिक्र भी है पर आज यह जॉर्ज हालत में है अगर सरकार ध्यान दे विकास का तो यहां लोगों का आवागमन बढ़ेगा और रोजगार की संभावनाएं बढ़ सकती थीं।

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