भारत को 2024 तक मिल सकती है टीबी की वैक्सीन

12 हजार लोगों पर टीबी वैक्सीन का ट्रायल शुरू, भारत दे सकता है दुनिया को टीबी की पहली वैक्सीन; फरवरी 2024 तक ट्रायल को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है; आईसीएमआर कर रहा है इस ट्रायल की अगुवाई

 

जल्द ही भारत दुनिया को टीबी के खिलाफ एक और वैक्सीन का तोहफा दे सकता है. आईसीएमआर के हेडक्वार्टर की अगुवाई में टीबी पर दो वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. देश के 6 राज्यों के 18 साइटों पर 12 हजार से अधिक टीबी के मरीजों पर यह स्टडी की जा रही है. ट्रायल से जुड़े एक्सपर्ट का दावा है कि फरवरी 2024 तक ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद अगर स्टडी की रिपोर्ट में वैक्सीन एफिकेसी और सेफ्टी पर खरा उतरा तो देश ही नहीं दुनिया के लिए टीबी के खिलाफ एक नहीं दो-दो वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी.

आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय एड्स अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉक्टर शीला गोडबोले ने बताया कि टीबी के वैक्सीन पर आईसीएमआर की अगुवाई में स्टडी शुरू की गई है. इस स्टडी से पहले हमने उन घरों की स्टडी की जिनके यहां पर पहले से कोई टीबी के मरीज है, यानि जिनके स्पुटम में टीबी की बैक्टीरिया होती है. इन लोगों में टीबी का संक्रमण होने का खतरा आम लोगों की तुलना में ज्यादा रहता है. लेकिन, अभी तक दुनिया में कहीं पर भी टीबी के खिलाफ वैक्सीन नहीं है. इसलिए वैक्सीन का होना जरूरी है और इस दिशा में आईसीएमआर तेजी से काम कर रहा है.

छह साल के बच्चे से लेकर हर उम्र के वयस्क को इस ट्रायल में शामिल किया जा रहा है. पुणे में नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से दो साइट पर ट्रायल किया जा रहा है, जहां पर 1,593 लोगों को शामिल किया गया है. टीबी पर दो प्रकार की वैक्सीन है, एक जर्मनी की वैक्सीन है, जिसे सीरम बना रही है. इसकी एफिकेसी और सेफ्टी का ट्रायल शुरू किया गया है. पूरे देश में 12,000 लोग हैं. वहीं, दूसरी वैक्सीन लेप्रोसी की है, लेप्रोसी में यह पहले से इस्तेमाल हो रहा है. अब इस वैक्सीन का टीबी पर भी ट्रायल शुरू किया गया है.

यह रैंडम ट्रायल है और तीन ग्रुप में बांटकर किया जा रहा है. दो ग्रुप को दोनों प्रकार की एक एक वैक्सीन की डोज और एक ग्रुप प्लेसिबो होगा, जिन्हें वैक्सीन के बदले उससे मिलती-जुलती डोज दी जाएगी. वैज्ञानिकों का कहना है  कि 50 परसेंट फॉलोअप के बाद इसका आंकलन किया जाएगा और अगर शुरुआती रिपोर्ट में वैक्सीन का असर दिखा, तो यह ट्रायल आगे बढ़ाया जाएगा. ट्रायल को पूरा करने का लक्ष्य फरवरी 2024 रखा गया है. अगर ट्रायल सफल रहा तो दुनिया को टीबी के खिलाफ पहली वैक्सीन मिल जाएगी और इससे भारत जैसे देश में हर साल 4 लाख मौतों को रोकने में काफी हद तक मदद मिल सकती है.

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