कर्नाटक में बुर्का विवाद के बाद अब हलाल मीट पर शुरू हुआ विवाद बढ़ता दिख रहा है. बीजेपी ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए ये कह दिया है कि हिंदुओं पर हलाल मीट थोपने की जरूरत नहीं है. दरअसल, राज्य में दक्षिणपंथी संगठनों ने हलाल मीट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. मामले पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि, ‘हलाल मीट समाज के कुछ लोग ही खाते हैं, इसे हिंदुओं को खाने की जरूरत नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुस्लिम लोग हलाल मीट खाते हैं तो उससे हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन ये हमें खाने के लिए फोर्स ना करें. हलाल मीट के लिए सर्टीफिकेट की मांग बढ़ रही है.’ शोभा ने कहा कि, ‘हलाल मीट मामला कोर्ट में हैं और इसमें जनता का मत नहीं लिया जाना चाहिए।
दरअसल, बीते दिनों राज्य में एक हलाल मांस विक्रेता के साथ मारपीट का मामला सामने आया था. इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई है. मामले में मुख्यमंत्री बोम्मई ने बयान जारी कर कहा था कि, ‘ये हलाल मीट का मुद्धा अभी शुरू हुआ है. ये एक प्रथा है जो चल रही है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हलाल मीट के खिलाफ गंभीर रूप से आपत्तियां उठाई जा रही है जिसके बार में राज्य सरकार गौर करेगी.’ बता दें, कर्नाटक में हलाल मीट पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेजी से उठ रही है. दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि जानवरों को तड़पाकर मारा जाता है जिस तरह उनका मांस अशुद्ध होता है।
दूसरे वर्ग पर थोपना ठीक नहीं : ईश्वरप्पा
उधर, कर्नाटक सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि हलाल ऐसी धारणा है जिसे कुछ लोगों ने बनाया है, खासकर कुछ दलों ने। इसके कारण कर्नाटक के लोग कष्ट झेल रहे हैं। मुस्लिमों को यदि हलाल मांस खाना है तो खाएं, लेकिन हिंदुओं पर यह थोपना नहीं चाहिए। इससे पहले भाजपा नेता सीटी रवि व अन्य ने भी हिंदुओं से यह नहीं खाने के लिए कहा था।
मारपीट के बाद पांच गिरफ्तार
कर्नाटक में हिजाब के बाद अब हलाल विवाद तूल पकड़ रहा है। गत दिनों राज्य में एक हलाल मांस विक्रेता के साथ मारपीट की गई थी। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
राज्य सरकार गौर करेगी : सीएम बोम्मई
हलाल मीट मामले में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई का कहना है कि यह मुद्दा अभी शुरू हुआ है। यह एक प्रथा है, जो चल रही है। इसके खिलाफ अब गंभीर रूप आपत्तियां उठाई जा रही हैं, इसलिए राज्य सरकार इस पर गौर करेगी।
क्यों है हलाल मीट पर विवाद
कर्नाटक में हलाल मीट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि इसके लिए जानवरों को तड़पाकर मारा जाता है। इस तरह मारे गए जानवरों का मांस अशुद्ध होता है। उसे देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाया जा सकता है। जानवरों का मीट निकालने के लिए हलाल और झटका दो तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। हलाल मीट में जानवर की सांस की नली को काट दिया जाता है। इसकी वजह से थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो जाती है। ऐसा करने के लिए जानवर की गर्दन को रेता जाता है। वहीं, झटका मीट के लिए जानवर की गर्दन पर एक झटके में तेज वार किया जाता है। इससे गर्दन धड़ से अलग हो जाती है। इस्लाम में हलाल मीट की मान्यता है।
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केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बयान दिया हिंदुओं को हलाल मीट खाने की जरूरत

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