मध्यप्रदेश :MP सरकार ने पत्रकारिता को किया नँगा जो भी खबर की तलाश में निकलेगा, उसे नंगा कर दिया जाएगा

डिजिटल पत्रकार और उसके साथियों के साथ थाने में शर्मनाक व्यवहार, सोशल मीडिया पर तीखी नाराजगी।

यह आज के भारत में मीडिया की तस्वीर है। ये बच्चे मध्य प्रदेश के सीधी जिले के हैं, यूट्यूब चैनल चलाते हैं। खबरों में कहा जा रहा है कि इन्होंने किसी भाजपा नेता पर खबर चलाई थी।
प्रदेश के सीधी जिले में एक डिजिटल पत्रकार और उसके साथियों के साथ थाने में बेहद शर्मनाक व्यवहार की खबर सामने आई है। पुलिस ने थाने में पत्रकार और उसके साथियों को न सिर्फ अर्धनग्न होने पर मज़बूर किया बल्कि उनकी जमकर पिटाई भी की। सोशल मीडिया पर सीधी पुलिस की इस करतूत पर तीखी नाराजगी सामने आ रही है ।
पूरा मामला स्थानीय डिजिटल पत्रकार कनिष्क तिवारी से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि भाजपा विधायक ने उनके खिलाफ एक खबर को लेकर पत्रकार की शिकायत की थी। इससे नाराज़ होकर विधायक ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर की थी।
दूसरी ओर वायरल तस्वीर को कोतवाली पुलिस द्वारा रंगकर्मी और सामाजिक कार्यकर्ता नीरज कूंदेर की गिरफ्तारी को लेकर विरोध किये गए विरोध प्रदर्शन से भी जोड़ा जा रहा है। नीरज कूंदेर पर कथित फर्जी FB अकाउंट चलाने का आरोप है। इस अकाउंट की शिकायत भी सीधी विधायक और उनके पुत्र ने पुलिस से की थी। फर्ज़ी अकाउंट के IP एड्रेस के तार नीरज तक पहुंचे तब पुलिस ने उन्हें 2 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था। कहा जा रहा है कि वायरल तस्वीर नीरज कूंदेर की गिरफ्तारी के विरोध किये जाने पर डिजिटल पत्रकार और रंगकर्मियों के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी की है।


कुल मिलाकर पुलिस के शर्मनाक व्यवहार पर सोशल मीडिया में मीडिया में आक्रोश और नाराजगी दिखाई दे रही है और इस पुलिस के शर्मनाक व्यवहार के पीछे भाजपा विधायक की शिकायत को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी निशाने पर लिया जा रहा है-


कनिष्क ने मुताबिक पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को 18 घंटे थाने में रखा। थाने में बस कपड़े ही नहीं उतरवाये गए बल्कि परिसर में जुलूस भी निकाला गया। थाने से तस्वीरें विधायक और उनके बेटे को भी भेजी गईं। कनिष्क फ्रीलान्स पत्रकार हैं और बघेली में अपने यूट्यूब चैनल पर खबरें चलाते हैं। उनके चैनल के सवा लाख सब्सक्राइबर हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी आईडी से पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग करते हैं।
आजकल हर नेता में एक फकीर है। उस नेतारूपी फकीर को इन बच्चों की खबर पसंद नहीं आई। उसने पुलिस को सुपारी दे दी। इन्हें थाने में बुलाकर नंगा कर दिया गया।
यह पहली घटना तो नहीं है। हाल ही में उत्तर प्रदेश इंटर का पेपर लीक हो गया। 24 जिलों में परीक्षा रद्द की गई। लेकिन जिन पत्रकारों ने खबर छापी, उन्हें जेल में डाल दिया गया। हाथरस कवर करने जा रहा केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन अब भी जेल में हैं। उनका भी गुनाह यही था कि वे हाथरस की घटना कवर करने जा रहे थे।


उत्तर प्रदेश के एक पत्रकार ने खबर लिख दी कि स्कूली बच्चों को नमक-रोटी खिलाई जा रही है तो उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। बच्चों के मिड-डे-मील में भ्रष्टाचार करना देशद्रोह नहीं है, बच्चों को नमक-रोटी खिलाना देशद्रोह नहीं है, इस बात को बाहर लाना देशद्रोह है। यह कैसा देश बनाया जा रहा है जहां सच बोलना देशद्रोह है? सरकार क्या चाहती है ?यही न कि पत्रकार को खबर नहीं चलानाचाहिए पूरे देश के पत्रकारों को सुबह नहाधोकर, सभी मुख्यमंत्रियों के आवास पर जाकर नब्बे डिग्री का कोण बनाते हुए प्रणाम करना चाहिए फिर भी कृपा न आए तो चरणों में लोट जाना चाहिए। रीढ़ की हड्डी निकलवा देनी चाहिए। इंसान के रूप में सरीसृप बन जाना चाहिए। खुद की जान देकर भी पत्रकार का धर्म का है कि वह नेता को खुश करे। इन्हें आजाद जबानें नहीं पसंद हैं। इन्हें जहरीले गुलाम पसंद हैं।

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