ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में गुरुवार को गिरावट देखी गई है. ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप (Crypto Market) अब 1.23 ट्रिलियन डॉलर हो गया है, जिसमें पिछले दिन के दौरान 13.2 फीसदी की गिरावट आई है. कुल क्रिप्टो मार्केट वॉल्यूम पिछले 24 घंटों के दौरान 218.94 अरब डॉलर है. इसमें इस समयावधि के दौरान 42.50 फीसदी की तेजी आई है. जहां डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) में कुल वॉल्यूम मौजूदा समय में 26.95 अरब डॉलर पर आ गया है, जो कुल क्रिप्टो मार्केट के 24 घंटों के वॉल्यूम का 12.31 फीसदी है. वहीं, सभी स्टेबलकॉइन्स (Stablecoins) का वॉल्यूम अब 207.58 अरब डॉलर है, जो कुल क्रिप्टो मार्केट के 24 घंटों के वॉल्यूम का 94.81 फीसदी है.
बिटकॉइन की कीमत पिछले 24 घंटों के दौरान 6.46 फीसदी की गिरावट के साथ 23,81,509 रुपये पर पहुंच गई है. मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की मौजूदगी 44.36 फीसदी है. इसमें दिन के दौरान 2.46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
Tether की कीमतों में गिरावट
वहीं, Ethereum 13.85 फीसदी गिरकर 1,65,500.0 रुपये पर मौजूद है. जबकि, Tether 1.97 फीसदी की गिरावट के साथ 83 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. Cardano 27.3 फीसदी गिरकर 37 रुपये पर आ गया है.
Binance Coin की बात करें, तो इस क्रिप्टोकरेंसी में पिछले 24 घंटों के दौरान 18.47 रुपये पर पहुंच गया है.
दूसरी तरफ, XRP 25.21 फीसदी की गिरावट के साथ 31.2036 रुपये पर पहुंच गई है. वहीं, Polkadot की कीमतें 25.11 फीसदी गिरकर 690.86 रुपये पर पहुंच गई हैं. जबकि, Dogecoin 26.04 नीचे खिसककर 6.5533 रुपये पर मौजूद है.
डिजिटल करेंसी कैश की ले सकती है जगह: RBI डिप्टी गवर्नर
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कुछ दिन पहले एक वेबिनार में कहा था कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भारत में कैश पर आधारित ट्रांजैक्शन्स की कुछ हद तक जगह ले सकती है. शंकर ने कहा था कि पिछले पांच सालों में, जहां डिजिटल भुगतान भारत में करीब 50 फीसदी की औसत सालाना ग्रोथ रेट से बढ़ा है. वहीं, करेंसी की सप्लाई करीब दोगुनी हो गई है.
इसके अलावा सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए लिस्ट किया था. इसे पहले बजट सत्र के लिए भी लिस्ट किया गया था, लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका था, क्योंकि सरकार ने इस पर दोबारा काम करने का फैसला लिया था.
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