उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद के वजू खाने से 12 फीट 8 इंच व्यास का शिवलिंग खोजा गया है. हिंदू पक्ष के दावे के बाद वाराणसी कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश जारी किया है, जहां शिवलिंग के प्रमाण मिले हैं. वाराणसी कोर्ट के इस फैसले पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. कोर्ट के फैसले को 1991 के एक्ट का उल्लंघन बताते हुए AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें शक था कि ऐसा फैसला आ सकता है.
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह बाबरी मस्जिद के दिसंबर 1949 के चैप्टर का दोहराव है. यह आदेश ही मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को बदल देता है. कोर्ट का फैसला 1991 के एक्ट का उल्लंघन है. मुझे आशंका थी और यह सच हो गया. ज्ञानवापी मस्जिद फैसले के दिन तक मस्जिद थी और रहेगी.’ दरअसल, मस्जिद में शिवलिंग होने के दावे को लेकर हिंदू पक्ष आज वाराणसी कोर्ट पहुंचा था, जहां उसने याचिका दाखिल कर अपील की कि ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid Survey) में जिस जगह पर शिवलिंग मिला है, उस जगह को सील कर दिया जाए.
ज्ञानवापी मस्जिद थी, और क़यामत तक रहेगी इंशाअल्लाह” : #shivling #Uttarpradesh #YogiAdityanath #हर_हर_महादेव #JagrutiSamachar #SocialMedia #BabriMasjid #Babri #Hyderabad #AIMIM #GyanvapiMosque #GyanvapiTruth #BabaMilGaye@asadowaisi pic.twitter.com/JuqN5DLByV
— Jagruti samachar (@jagrutisamachar) May 16, 2022
मस्जिद में शिवलिंग का मिलना जरूरी प्रमाण
हिन्दू पक्ष की ओर से याचिका वकील विष्णु जैन ने दाखिल की थी. जिसके जवाब में कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद के जिस वजूखाने के पास शिवलिंग के प्रमाण मिले हैं. उस जगह को सील कर दिया जाए और इसकी निगरानी जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए की जाए. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में कथित तौर पर शिवलिंग का मिलना महत्वपूर्ण साक्ष्य है.
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह बाबरी मस्जिद के दिसंबर 1949 के चैप्टर का दोहराव है. यह आदेश ही मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को बदल देता है. कोर्ट का फैसला 1991 के एक्ट का उल्लंघन है. मुझे आशंका थी और यह सच हो गया. ज्ञानवापी मस्जिद फैसले के दिन तक मस्जिद थी और रहेगी.’ दरअसल, मस्जिद में शिवलिंग होने के दावे को लेकर हिंदू पक्ष आज वाराणसी कोर्ट पहुंचा था, जहां उसने याचिका दाखिल कर अपील की कि ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid Survey) में जिस जगह पर शिवलिंग मिला है, उस जगह को सील कर दिया जाए.
मस्जिद में शिवलिंग का मिलना जरूरी प्रमाण
हिन्दू पक्ष की ओर से याचिका वकील विष्णु जैन ने दाखिल की थी. जिसके जवाब में कोर्ट ने आदेश दिया कि मस्जिद के जिस वजूखाने के पास शिवलिंग के प्रमाण मिले हैं. उस जगह को सील कर दिया जाए और इसकी निगरानी जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए की जाए. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में कथित तौर पर शिवलिंग का मिलना महत्वपूर्ण साक्ष्य है.
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