उधर उद्धव ठाकरे ने फेसबुक पर सम्बोधित करते हुए कहा है कि वो इस पर ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहते हैं कि हिंदुत्व के लिए उनकी पार्टी ने क्या-क्या किया है। उन्होंने अपने पिता बाल ठाकरे की दुहाई दी।
मैं चाहता हूं कोई शिवसैनिक सीएम बनेः उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं चाहता हूं कि कोई शिवसैनिक ही सीएम बने। अगर किसी को ऐसा लगता है कि मैं सीएम न रहूं तो तुरंत पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। बस एक बार मुझसे एक बार आकर मिले और कहे। मैं हर शिवसैनिक से यह कहना चाहता हूं। पिछले ढाई साल में मुझे जो प्यार मिला वो शायद ही कभी मिला होगा।सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी एक बार कहे कि वो मुझे सीएम नहीं देखना चाहते, तो मैं मान सकता हूं। आज सुबह कमलनाथ और शरद पवार जी ने कॉल किया और कहा कि उन्हें मुझपर भरोसा है। लेकिन अब मैं क्या करुं? जब कोई अपना ही ऐसा कहे कि मुझे सीएम बनते नहीं देखना चाहते। अगर कोई भी एक विधायक मुझसे कहता कि वो मुझे सीएम बनते नहीं देखना चाहते। तो मैं सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। लेकिन इसके लिए सूरत जाने की क्या जरुरत थी। एक तरफ कहना कि वो शिवसेना से गद्दारी नहीं कर रहे और दूसरी तरफ ऐसा करना ठीक नहीं है।
2014 के बाद नई शिवसेना ने ही चुनाव जीता थाः उद्धव
शिवसेना हिन्दुत्व के बिना नहीं हो सकती। मैं अस्पताल से लगातार काम करता रहा। 2014 के बाद नई शिवसेना ने ही चुनाव जीता था। जनता की मदद से मुझे सीएम बनने का मौका मिला।
शिवसेना प्रमुख पद भी छोड़ने को तैयारः
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं अपना इस्तीफा तैयार कर देता हूं। एक बार वो विधायक आएं और एक बार कहें कि मुझे सीएम बनते नहीं देखना चाहते। ये मेरी कोई मजबूरी नहीं है। ऐसी कई चुनौतियां मैंने देखी है। हमारे साथ हजारों शिवसेना कार्यकर्ता हैं। आज मैं किसी चुनौती से नहीं डरता। जिनको ऐसा लगता है कि मैं शिवसेना का नेतृत्व नहीं कर सकता तो मैं शिवसेना प्रमुख पद भी छोड़ने को तैयार हूं।
अगर एकनाथ शिंदे आकर बोल दें तो मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। सब लोगों (MLA) ने मेरा समर्थन किया लेकिन अपने ही लोगों (MLA) ने समर्थन नहीं किया। अगर मेरे खिलाफ एक भी वोट विरोध में जाता है तो में मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे pic.twitter.com/476otCLHed
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2022
हिन्दुत्व और शिवसेना एक सिक्के के दो पहलूः उद्धव
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस वक्त कोरोना का संकट आया था, तब मेरे पास ज्यादा अनुभव नहीं था। तब जो भी सर्वे किए जा रहे थे, उसमें देश के टॉप 5 मुख्यमंत्रियों में रहने का आशीर्वाद मुझे मिला था। हालांकि आज मैं कोरोना नहीं बल्कि दूसरे मुद्दों को लेकर आया हूं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले दिनों हमने राम मंदिर का दौरा किया था, उस दौरान तो एकनाथ शिंदे भी हमारे साथ थे। बालासाहेब ठाकरे की मृत्यु के बाद हमने 2014 का चुनाव अपने दम पर लड़ा और हिंदुत्व के मुद्दे पर ही सफलता हासिल की थी। शिवसेना और हिंदुत्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
मेरी तबीयत खराब होने के चलते मैं लोगों से नहीं मिल रहा था लेकिन अब मैं लोगों से मिल रहा हूं। मैंने पहली कैबिनेट मीटिंग अस्पताल से की थी। शिवसेना कभी हिंदुत्व से दूर नही रही और ना कभी रहेगी: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे pic.twitter.com/R16z8EU5f4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2022
अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी और शरद पवार की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि पवार और सोनिया ने उनकी बहुत मदद की। ठाकरे ने कहा, 2019 में जब तीनों दल (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) एक साथ आए तो शरद पवार ने मुझसे कहा कि मुझे सीएम पद की जिम्मेदारी लेनी है।
14वीं महाराष्ट्र विधानसभा के इन 34 सदस्यों ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है। विधायकों ने अपने हस्ताक्षरित प्रस्ताव में कहा कि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन था, लेकिन उसके बाद NCP-कॉन्ग्रेस के साथ जाने के कारण और भ्रष्टाचार के तमाम मामलों के सामने आने के कारण कार्यकर्ताओं में असंतोष है। पुलिस पोस्टिंग और प्रशासन में भी भ्रष्टाचार की बात कही गई है।
साथ ही इन विधायकों ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस-NCP के साथ जाने के कारण उन्हें विपक्ष के हाथों व्यक्तिगत और राजनीतिक रूप से प्रताड़ना का सामना भी करना पड़ा है। हालाँकि, शिवसेना के विधायकों को तोड़ने के लिए 37 के नंबर की आवश्यकता है। ये भी खबर आ रही है कि उद्धव ठाकरे कोविड-19 नेगेटिव पाए गए हैं और उन्हें कोरोना नहीं है। फ़िलहाल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस विधायक असम के गुवाहाटी स्थित रेडिसन ब्लू होटल में रुके हुए हैं।
इन 34 विधायकों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजे गए पत्र में एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया है। एकनाथ शिंदे ने भारत गोगावले को शिवसेना का चीफ का चीफ नियुक्त किया है। शिवसेना ने अपने पत्र में उन्हें बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि जो भी विधायक अनुपस्थित रहेगा, ये समझा जाएगा कि उसने स्वेच्छा से शिवसेना छोड़ दी है। साथ ही बिना किसी पूर्व सूचना या वैध कारण के अनुपस्थित रहने वाले विधायकों को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कराने की धमकी भी दी गई है।
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