एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री शाम को लेंगे शपथ शिंदे ने 27 साल बाद दोहराया इतिहास

मुंबई में महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. फडणवीस की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे भी मौजूद थे.
पत्रकार वार्ता के दौरान फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमे 2019 में 105 सीटें मिली थीं, उस चुनाव से पहले हमारा और शिवसेना का गठबंधन था. सरकार बनाने के लिए शिवसेना अपने विरोधी विचारधारा वाली पार्टियों से जाकर मिल गई. एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन करके सरकार बना लिया और हमको छोड़ दिया.
एकनाथ शिंदे आज शाम 7:00 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. अब तक तमाम लोग मानकर चल रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री होंगे

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाकर जनता के द्वारा मिले बहुमत का अपमान किया था. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार महाभ्रष्ट सरकार थी. पिछले ढाई साल में इस सरकार के दो मंत्री जेल चले गए हैं. उन्होंने कहा कि महाअघाड़ी के कई ऐसे नेता जिनके संबंध दाउद तक से थे. महाविकास अघाड़ी सरकार में रोज हिन्दुत्व का अपमान होता था।
और क्या बोले एकनाथ शिंदे?
एकनाथ शिंद ने कहा कि हम लोग बाला साहेब के हिंदुत्व को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. राजनीति में अक्सर लोग विपक्ष से सत्ता की ओर जाते हैं, लेकिन मैं और मेरे साथियों ने मिलकर विपक्ष का साथ दिया है. मुझे किसी भी तरह के मंत्री पद का लालच नहीं है. देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को तहे दिल से धन्यवाद करता हूं. आज के समय में कोई मंत्री पद तक नहीं छोड़ता है. देवेंद्र फडणवीस ने तो बड़ा दिल दिखाते हुए मुख्यमंत्री पद का त्याग किया है।

शिंदे ने 27 साल बाद दोहराया इतिहास:1995 में आंध्र में ससुर की पार्टी पर दामाद का कब्जा हुआ, रामाराव जैसा हुआ उद्धव का हाल
शिवसेना में 2005 के बाद सबसे बड़ी फूट पड़ी है। तब शिवसेना के उत्तराधिकारी बताए जा रहे फायरब्रांड नेता राज ठाकरे ने अपनी राहें अलग कर ली थीं। अब 2022 में शिवसेना में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मंत्री एकनाथ शिंदे ने CM उद्धव ठाकरे को तगड़ा झटका दिया है।
इस फूट के साथ एक और बड़ी बात ये रही कि 27 साल बाद किसी क्षेत्रीय पार्टी में ऐसी टूट हुई कि पार्टी प्रमुख को CM कुर्सी गंवानी पड़ी।
1995 में एनटी रामाराव आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उनके दामाद चंद्रबाबू नायडू ने बगावत की थी। उस दौरान एनटी रामाराव की CM कुर्सी चली गई थी और चंद्रबाबू नायडू ने सरकार से लेकर संगठन तक पर कब्जा कर लिया था। एक तरह से 27 साल बाद इतिहास खुद को महाराष्ट्र में दोहरा रहा है। चंद्र बाबू नायडू की तर्ज पर ही एकनाथ शिंदे अब महाराष्ट्र के अगले सीएम होंगे। उन्हें भाजपा का साथ मिला है, जबकि नायडू ने अपने दम पर उलटफेर किया था।
क्षेत्रीय पार्टियों में कब-कब फूट पड़ी और इसका सियासत पर क्या असर पड़ा, दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की। आप भी पढ़िए…
शिवसेना में अब तक की सबसे बड़ी टूट:
शिवसेना में चौथी और सबसे बड़ी टूट हुई है। पहली बार 39 से ज्यादा विधायकों ने ठाकरे परिवार को छोड़कर बागी एकनाथ शिंदे के साथ जाने का फैसला किया है। इससे पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ।
पहली बार 1991 में छगन भुजबल के साथ 8 विधायक शिवसेना से अलग हुए थे। उसके बाद 2005 में नारायण राणे 10 विधायकों के साथ शिवसेना से अलग हुए। राणे को शिवसेना महाराष्ट्र का CM भी बना चुकी थी।
उसके बाद जब उद्धव ठाकरे को पार्टी की कमान दी गई तो 2005 में राज ठाकरे ने खुद को अलग करके महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया। राज ठाकरे ने बड़े पैमाने पर पार्टी कैडर को तोड़ा था। हालांकि राज ठाकरे के साथ विधायक नहीं गए थे।

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