कांग्रेस पार्टी को अगले कुछ ही दिनों में नया अध्यक्ष मिलने वाला है. खास बात यह है कि इस बार कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा. अशोक गहलोत ने शुक्रवार को बताया था कि राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि गांधी परिवार से कोई भी पार्टी की कमान नहीं संभालेगा. हालांकि, पार्टी के कई नेता यही चाहते थे कि राहुल गांधी को ही दोबारा अध्यक्ष बनना चाहिए. यहां ये भी बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद ही इस बात के संकेत दे दिए थे.
मैं अपने बयान पर कायम हूं’
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. अध्यक्ष के पद पर थे राहुल गांधी और उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का ही होगा. वहीं अब भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी उन्होंने यही कहा कि वे अपने पुराने रुख पर कायम हैं.
इस्तीफा देते वक्त राहुल गांधी ने और क्या कहा था?
राहुल गांधी ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की मैं जिम्मेदारी लेता हूं. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी के विकास के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है. इस कारण से मैंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. मेरे लिए कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहना गर्व की बात है.”
राहुल गांधी ने कहा था, “2019 में मिली हार के लिए पार्टी को पुर्नसंगठित करने की जरूरत है. पार्टी की हार के लिए सामूहिक तौर पर लोगों को कठिन निर्णय लेने होंगे. यह बेहद गलत होगा कि पार्टी की हार के लिए सबको जिम्मेदार ठहराया जाए, लेकिन पार्टी अध्यक्ष होने की वजह से मैं अपनी जिम्मेदारी से भागूं.”
कौन होगा अगला कांग्रेस अध्यक्ष?
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए आज से नामांकन भरे जा सकेंगे. नामांकन की प्रक्रिया आज शुरू हो जाएगी. लंबे इंतजार और काफी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. कई साल बाद ऐसा हो रहा है कि चुनाव में गांधी परिवार से कोई खड़ा नहीं हो रहा है. अध्यक्ष पद के लिए फिलहाल 2 नाम सबसे आगे हैं और इनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. हालांकि 2-3 दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी कि अध्यक्ष के लिए कौन-कौन अपना दावा ठोकेगा और कौन इसमें जीत दर्ज करेगा.
फिलहाल अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की बात करें तो अभी रेस में दो ही नाम आगे हैं. पहला नाम है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का. अशोक का पलड़ा सबसे ज्यादा भारी है. वह कह भी चुके हैं कि पार्टी आलाकमान उन्हें जो जिम्मेदारी देगा, वह उसका निर्वहन करेंगे. वहीं दूसरे उम्मीदवार के रूप में शशि थरूर का नाम आगे चल रहा है. इसके कई कारण हो सकते हैं. इन सबके बीच अब चर्चा है कि मनीष तिवारी भी अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भर सकते हैं.
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