Biggest Mobile Scam: वर्ल्ड के 3 सबसे बड़े मोबाइल घोटाले भारत में हुए जिसे जानकर पूरी दुनिया रह गई थी दंग

भारत आज के वक्त में हर टेक कंपनियों का पसंदीदा प्लेस बना हुआ है। लेकिन एक वक्त ऐसा था, जब टेक वर्ल्ड में भारत की छवि दागदार हो गई थी। ऐसे में टेक कंपनियां भारत को कारोबार के लिहाज से मुफीद नहीं मान रही थीं।

खास बात :
251 रुपये में मोबाइल फोन लॉन्च
1,130 रुपये में टैबलेट लॉन्च
जानें 3 बड़े मोबाइल फ्रॉड।

नई दिल्ली : भारत मोबाइल वर्ल्ड का बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियां जैसे Apple, Samsung भारत में तेजी से अपना कारोबार बढ़ा रही हैं। साथ ही भारत इन मोबाइल कंपनियों का बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है। चीन के बाद भारत दुनिया में सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है। यही वजह है कि भारत आज के वक्त में हर स्मार्टफोन या यूं कहें कि टेक कंपनी का पसंदीदा मार्केट बना हुआ है। लेकिन एक वक्त भारत में बड़े-बड़े मोबाइल फ्रॉड हुए थे, जिसके चलते भारत की छवि दुनिया में खराब हुई थी। आइए जानते हैं मोबाइल वर्ल्ड की दुनिया में हुए ऐसे ही बड़े स्कैम के बारे में, जिसे जानकर पूरी दुनिया दंग रह गई थी।
Freedom Mobile
6 साल पहले 18 फरवरी 2016 में भारत में 251 रुपये में स्मार्टफोन लॉन्च करने का दावा किया गया। नोएडा की कंपनी रिंगिंग बेल्सने के 251 रुपये में मोबाइल लॉन्च करने की खबर ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। यह वो वक्त था, जब 251 रुपये में एक सिम कार्ड आता था। इस फोन के लॉन्च इवेंट में केंद्र सरकार के बड़े मंत्री शामिल हुए और इसी भरोसे की आड़ में मोहित गोयल ने Freedom मोबाइल की बुकिंग के नाम पर करीब 1500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

Aakash Tablet
Aakash Tablet यूपीए सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। सरकार ने मात्र 1,130 रुपये में हर भारतीयों को आकाश टैबलेट उपलब्ध कराने का दावा किया। इस दावे ने उस वक्त पूरी दुनिया में सनसनी पैदा कर दी थी। Aakash टैबलेट को कनाडा की कंपनी डाटाविंड ने साल 2011 में पेश किया था। लेकिन इसकी लॉन्चिंग में लगातार देरी होती रही। फिर जब टैबलेट मार्केट में उपलब्ध हुआ, तो खरीददार नहीं मिले। ऐसे में साल 2019 में कंपनी ने Aakash टैबलेट बनाना बंद कर दिया। साल 2013 में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आकाश टैबलेट को लेकर कहा था कि हमारा सपना अधूरा रह गया।
2G घोटाला
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से दुनिया में भारत की छवि दागदार हुई। दरअसल साल 2010 में कैग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें दावा किया गया कि साल 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। 2G घोटाले से सरकार को करीब 76 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जताई गई। इस घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा समेत कई लोगों पर आरोप तय किए गए। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य को बरी कर दिया है।

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