छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी ति थि को होती है, जिसमें प्रात:काल में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और पारण करके व्रत को पूरा करते हैं. लेकिन छठ पूजा एक दिन नहीं बल्कि चार दिवसीय उत्सव है।
सबसे पहले आपको बता दें कि छठ पर्व पर व्रत करना कई रूप में फलदायी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह व्रत बहुत ही कठिन निर्जला व्रत होता है। आपको बता दें कि भगवान सूर्य की पूजा करने से विभिन्न प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं और परिवार के सदस्यों को लम्बी आयु प्रदान होती है|
चार दिनों तक मनाये जाने वाले इस पर्व के दौरान शरीर और मन को पूरी तरह से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। छठ पर्व में व्रत करने से स्वस्थ, सुखी और समृद्ध जीवन की प्राप्ति भी होती है।
छठ पूजा का पहला दिन
नहाय-खाय 2022: 28 अक्टूबर, दिन शुक्रवार
सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट परसूर्योस्त: शम 05 बजकर 39 मिनट पर
छठ पूजा का दूसरा दिन
लोहंडा और खरना:सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 31 मिनट परसूर्योस्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
छठ पूजा का तीसरा दिन
छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 2022: सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
शुभ समयसुकर्मा योग: प्रात: काल से शाम 07 बजकर 16 मिनट तकधृति योग: शाम 07 बजकर 16 मिनट से अगली सुबह तकरवि योग: सुबह 07:26 बजे से अगले दिन सुबह 05:48 बजे तकसर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:31 बजे से सुबह 07:26 बजे तक
छठ पूजा का चौथा दिन
छठ पूजा का प्रात: अर्घ्य 2022: सूर्योदय: प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर
शुभ समयसर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तकत्रिपुष्कर योग: प्रात: 05:48 बजे से सुबह 06:32 बजे तक
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