मुंबई में 4 फरवरी को पेश किया जाएगा बीएमसी का बजट नए टैक्स का बोझ बढ़ेगा या फिर मिलेगी राहत

मुंबई महानगर पालिका का वर्ष 2023-24 का बजट शनिवार बीएमसी कमिश्नर आई एस चहल पेश करेंगे। कोरोना संकट के बीच पेश बीएमसी का वर्ष 2021 और वर्ष 2022 का बजट स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित था, लेकिन अब मुंबईकरों को उम्मीद है कि बीएमसी का बजट मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने, सड़क, पानी, यातायात, गार्डन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सौंदर्यीकरण व अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर केंद्रित होगा।

मुंबई: कोरोना संकट से उबर चुकी मुंबई महानगर पालिका का वर्ष 2023-24 का बजट शनिवार बीएमसी कमिश्नर आई एस चहल पेश करेंगे। कोरोना संकट के बीच पेश बीएमसी का वर्ष 2021 और वर्ष 2022 का बजट स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित था, लेकिन अब मुंबईकरों को उम्मीद है कि बीएमसी का बजट मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने, सड़क, पानी, यातायात, गार्डन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सौंदर्यीकरण व अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर केंद्रित होगा।
मुंबईकरों का आर्थिक बजट धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है, इसके बावजूद किसी नए टैक्स के बोझ को उठाने में मुंबईकर सक्षम नहीं हैं। चुनावी साल को ध्यान में रखते हुए इस बार बजट में कोई नया टैक्स लागू करने की आशंका कम ही है।
उद्धव ठाकरे सरकार ने मुंबई में 500 वर्ग फुट तक के घरों का सभी टैक्स माफ कर दिया है। इसीलिए चहल को बीएमसी को बूस्ट देने के लिए बजट में कुछ अतिरिक्त करना पड़ेगा। चहल को बजट में ऐसे प्रावधान करने पड़ेंगे, जिससे बीएमसी के खजाने में अतिरिक्त आय का स्रोत बने।
पानी पर टैक्स बढ़ोतरी, प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी जैसी घोषणाओं से राजनीतिक दबाव के कारण चहल पीछे हट गए। ऐसे में, इस साल के बजट में ऐसे कौन से प्रावधान करते हैं, इस पर मुंबईकरों की नजर रहेगी। पिछले बजट में कचरा उपयोग कर्ता शुल्क लगाकर प्रति वर्ष 174 करोड़ रुपये अर्जित करने की घोषणा की गई थी। साथ ही, मुंबई के 3500 होटेलों से निकलने वाले गीले कचरे से वार्षिक 26 करोड़ रुपये जमा करने की योजना थी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के सौंदर्यीकरण और मुंबई को गड्ढा मुक्त करने का सपना दिखाया है, जिसका असर बजट में देखने को मिल सकता है। साथ ही, कोस्टल रोड प्रॉजेक्ट समय पर पूरा करने, देवनार में कचरे से बिजली उत्पादन, मुंबई में कचरा कम करना और कचरा प्रोसेस की व्यवस्था, मुंबई को पानी आपूर्ति के लिए गारगाई प्रॉजेक्ट, समुद्र से पानी मीठा करने के लिए मनोरी प्रॉजेक्ट आदि पर विशेष ध्यान देना होगा।
कमिश्नर चहल शनिवार को जब बजट पेश करेंगे, उस दौरान उनके सामने नई योजनाओं की घोषणा से ज्यादा महत्वपूर्ण वर्षों से लटकी पुरानी योजनाओं को एक निश्चित समय सीमा में पूरा करने की रूपरेखा पेश करने की चुनौती होगी। क्योंकि, इन योजनाओं पर बीएमसी के सैड़कों करोड़ रुपये लगे हुए हैं। इसमें सड़कों की मरम्मत, शुद्ध एवं भरपूर पानी की आपूर्ति, बीएमसी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने और मैदानों एवं गॉर्डन की स्थिति सुधारने की चुनौती शामिल है।
साथ ही, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, अंधेरी-घाटकोपर लिंक रोड, नदियों की सफाई, मीठी नदी का सौंदर्यीकरण, मुंबई को बाढ़ जैसी स्थिति से मुक्ति, ट्रैफिक जाम से राहत, पार्किंग की सुविधा मुहैया कराना, खतरनाक इमारतों में रहने वाले रहिवासियों के लिए कोई ठोस योजना पेश करना होगा।

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