राज्य के ११ यूनिवर्सिटी में पद बदलकर वेतन घोटाला किए जाने का खुलासा हुआ है। इस मामले में मुंबई हाईकोर्ट ने दोषी कर्मचारियों से रिकवरी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इस मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई भी की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में करीब १३ हजार कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।
मुंबई : राज्य के ११ यूनिवर्सिटी में पद बदलकर वेतन घोटाला किए जाने का खुलासा हुआ है। इस मामले में मुंबई हाईकोर्ट ने दोषी कर्मचारियों से रिकवरी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इस मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई भी की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में करीब १३ हजार कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।
बता दें कि राज्य के ११ यूनिवर्सिटी में अक्टूबर २००९ से पहले एसी ऑपरेटर, लॉ ऑफिसर, स्टोर कीपर, लैब असिस्टेंट आदि पदों पर भर्ती की गई थी। इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को समय-समय पर प्रमोशन भी दिया गया। इसके बावजूद कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर उनके पदों का नाम बदल दिया गया।
एसी ऑपरेटर को जूनियर इंजीनियर, लॉ ऑफिसर को डिप्टी रजिस्ट्रार, लैब असिस्टेंट को टेक्नीशियन रिसर्चर, इस तरह अलग-अलग पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के पदनाम बदलकर उनके वेतन का स्केल भी बदल दिया गया।
इसका खुलासा याचिकाकर्ता अभिषेक हरिदास द्वारा डाली गई आरटीआई के माध्यम से २०१४ के करीब हुआ। इसके बाद उन्होंने पहले इसकी शिकायत की लेकिन शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान मुंबई हाईकोर्ट के न्यायाधीश आर.एन. लड्ढा ने सत्यता पाए जाने के बाद सभी यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा।
इस जवाब के बाद कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के साथ ही २००९ से लेकर अब तक गलत तरीके से लिए वेतन रिकवरी का आदेश दिए जाने की जानकारी याचिकाकर्ता अभिषेक हरिदास ने दी। उन्होंने बताया कि इस मामले में यूनिवर्सिटी द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है? उस पर नजर बनाए हुए हैं। आगे कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई नहीं हुई तो वापस हाईकोर्ट को सूचित करेंगे।
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