जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी (Mahmood Madani) ने कहा है कि इस्लाम सभी धर्मों से पुराना है और यह भारत में बाहर से नहीं आया है। मदनी ने शुक्रवार (10 फरवरी 2023) को कहा कि भारत जितना नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का है, उतना ही उनका भी है।
दरअसल, दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का आम सत्र आयोजित चल रहा है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महमूद मदनी ने कहा, “भारत हमारा देश है। यह देश जितना नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत का है, उतना ही यह देश महमूद का भी है। न तो महमूद उनसे एक इंच आगे है और न ही वे महमूद से एक इंच आगे हैं।
#WATCH | Delhi: India is our country. As much as this country belongs to Narendra Modi and Mohan Bhagwat, equally, this country belongs to Mahmood. Neither Mahmood is one inch ahead of them nor they are one inch ahead of Mahmood: Jamiat Ulema-e-Hind Chief Mahmood Madani (10.02) pic.twitter.com/mB2JBqpTHI
— ANI (@ANI) February 11, 2023
मदनी ने यह भी कहा है कि भारत खुदा के सबसे पहले पैगंबर अब्दुल बशर सईदाला आलम की जमीन है। भारत मुस्लिमों की पहली मातृभूमि है। इसलिए यह कहना कि इस्लाम बाहर से आया, पूरी तरह गलत और आधारहीन है। इस्लाम इसी देश का मजहब है। इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना महजब है। भारत हिंदी मुसलमानों के लिए सबसे अच्छा देश है।
साथ ही उन्होंने कहा है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वालों को सजा देने के लिए एक अलग कानून बनाया जाए। मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत और उकसावे के मामलों के अलावा इस्लामोफोबिया में वृद्धि हाल के दिनों में देश में खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है।
मदनी ने आगे है कि आज देश में नफरत का माहौल है। बेबुनियाद प्रोपेगेंडा फैलाने का काम तेजी से किया जा रहा है। ऐसे लोगों को सुप्रीम कोर्ट भी छोड़कर कर उनका हौसला अफजाई कर रहा है। जो देश के लिए खतरा हैं, उन्हें खुला छोड़ा जा रहा है।
मदनी ने कहा कि आज के हालात में अगर स्वामी विवेकानंद, मोहनदास करमचंद गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और चिश्ती के आदर्शों को मानने वाले नेता इसी तरह तमाशाबीन बने रहे तो पता नहीं देश की हालत क्या होगी।
मुस्लिमों की छवि बदलने के लिए किए जाएँ कार्यक्रम
जमीयत के इस सत्र में मुस्लिमों द्वारा बड़ी संख्या में इस्लाम छोड़ने और ‘एक्स मुस्लिम’ अभियान को लेकर भी चिंता जताई गई। इस बैठक में प्रस्ताव लाकर मुस्लिमों को गुमराह होने से बचाने के लिए प्रयास करने की बात कही गई।
जमीयत के इस सत्र में मुस्लिमों द्वारा बड़ी संख्या में इस्लाम छोड़ने और ‘एक्स मुस्लिम’ अभियान को लेकर भी चिंता जताई गई। इस बैठक में प्रस्ताव लाकर मुस्लिमों को गुमराह होने से बचाने के लिए प्रयास करने की बात कही गई।
इसमें यह भी कहा गया कि विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मुस्लिमों की छवि एक मददगार और भरोसेमंद बनाकर प्रस्तुत की जाए ताकि फिल्मों, टीवी सीरियलों और किताबों से जो छवि बनाई गई है, उसको सुधारा जा सके। साथ ही महमूद मदनी ने इस्लामवादी युवाओं से हिंसा और जिहाद का रास्ता न अपनाने की भी बात कही।
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