मुंबई: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजीत पवार के साथ सुबह लिए गए शपथग्रहण पर अब तक का सबसे बड़ा रहस्योद्घाटन किया है. एक टीवी चैनल से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे थे. हमें इसकी जानकारी मिली कि वे चर्चा को आगे बढ़ रहे हैं. इस बीच, हमें एनसीपी से सरकार बनाने का प्रस्ताव मिला.
साढ़े तीन साल तक सुबह के शपथग्रहण पर पर्दा पड़ा हुआ था. भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस दोनों की तरफ से इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा गया. शपथग्रहण के बाद राज्य में हुए राजनीतिक नाट्य को पूरे देश देखा. लेकिन अब इस शपथग्रहण समारोह के रचनाकार उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सबसे बड़ा रहस्योद्घाटन किया है. 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद चंद घंटों के लिए बीजेपी और एनसीपी की सरकार बनी थी. दिलचस्प बात यह है कि इस सरकार का शपथ ग्रहण समारोह तड़के आयोजित किया गया. उनके एक नेता ने मुझे बताया कि अजित पवार ने बिना ब्रश किए ही शपथ ले ली. हमने जो विश्वासघात किया, क्या वह विश्वासघात नहीं था जिसकी आपने सुबह कसम खाई थी? क्या यह आपके चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत थी?
फडणवीस ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे थे. हमें सूचित किया गया था कि वे चर्चा को आगे बढ़ा रहे हैं. इस बीच, हमें एनसीपी से सरकार बनाने का प्रस्ताव मिला.
हमें दो बार मिला धोखा
फडणवीस ने कहा कि मुझे दो बार धोखा दिया गया. सबसे पहले उद्धव ठाकरे ने विश्वासघात किया था. उन्होंने हमारे साथ चुनाव लड़ा. हमारे साथ चुने गए. जब मोदीजी चुनावी कार्यक्रम में कह रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे तो वे ताली बज रहे थे. लेकिन जब उन्हें लगा कि सरकार बनाने पर नंबर होगा, हम मुख्यमंत्री बन सकते हैं. उस वक्त उन्होंने मेरा फोन भी नहीं उठाया. मुझसे चर्चा तक नहीं की. मुख्यमंत्री की सीट उन्हें इतनी प्रिय हो गई कि वे एनसीपी और कांग्रेस के साथ चले गए. इसलिए उसने एक तरह का विश्वासघात किया.
पहला विश्वासघात बड़ा
दूसरा विश्वासघात सुबह की शपथग्रहण के बाद हुआ. लेकिन मैं उन्हें कम कम दोष दूंगा, क्योंकि उन्होंने हमारे साथ चुनाव नहीं लड़ा था. जबकि उद्धव ठाकरे हमारे साथ चुनाव लड़ कर एनसीपी और कांग्रेस से चर्चा कर रहे थे. जब हमने महसूस किया कि उनकी चर्चा आगे बढ़ गई है, तो हमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से एक प्रस्ताव मिला कि हम एक स्थिर सरकार चाहते हैं. चलिए सरकार बनाते हैं. तब हम भी तैयार हो गए.
राजनीति में बैठकर चुपचाप नहीं देख सकते :
फडणवीस ने कहा कि राजनीति में आप चुपचाप बैठकर किसी को विश्वासघात देते हुए नहीं देख सकते. इसलिए हमने इसके लिए जाने का फैसला किया. इसलिए हमने उनसे चर्चा की= उस वक्त शरद पवार से मेरी चर्चा हुई थी. शरद पवार से चर्चा के बाद मामला सुलझ गया. हम सभी ने देखा है कि यह तय होने के बाद कैसे बदल गया. तो उस जगह पर भी एक तरह का विश्वासघात हुआ. पहला विश्वासघात बहुत बड़ा था. क्योंकि यह हमारे ही व्यक्ति द्वारा किया गया था, जबकि दूसरा छोटा था.
बालासाहेब ठाकरे के सपनों की सरकार :
आप कह सकते हैं सुबह, शाम या आधी रात को शपथग्रहण जो कहना चाहें कह सकते हैं. उससे क्या फर्क पड़ता है? अतीत अतीत ही होता है. लेकिन उसके बाद इन दोनों ने जिस तरह से हमारे साथ बर्ताव किया, उससे हमें मौका मिला, उनकी पार्टी में खलबली मच गई. उनके लोग बाहर आ गए. उन्हें नहीं पता था कि सरकार कैसे चल रही है. यह हमारी सरकार बालासाहेब ठाकरे के सपनों की सरकार है.
अजित पवार कहते हैं कि हमने शिवसेना के लिए कुछ नहीं किया तो क्या आपने किया? कांग्रेस और एनसीपी ने गांवों में काम कर रहे शिवसैनिकों की पिटाई कर दी। नरेश म्हस्के ने भी आलोचना की कि कई लोगों को सताया गया और उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए।
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